Sunday 15 March 2020

आम आदमी की आवाज....

जुल्म न सहो हाथ उठाओ यारो
दुश्मन की ईंट से ईंट बजाओ यारों
बहुत सह लिया सितम तुमने यारों
सबने कहा सुन लिया तुमने यारो
एक बार मेरा कहा भी तो मानो 
अंदर भड़कती ज्वाला को जानो
भड़काओ उसे पग बढ़ाओ यारों
जुल्म न सहो हाथ उठाओ यारो।